यात्रा

जीवन बिखरा है
हमारे क़दमों के दरम्यान कहीं
टुकडा टुकडा मिलता है
रास्ते के तीखे मोड़ों पे
अलग अलग नामों से शक्लों से
सम्मोहित करता है
रचता है मायाजाल हसीं ख़्वाबों के
किरदार बुनता है रूमानी कहानी जैसे
और हममें पिरो देता है किरदार के धागे सारे
फिर जादू के धागों में हम फसे फसे चलते हैं
पाते हैं खोते हैं हँसते हैं रोते हैं
और यादों के जो बादल हैं
वो हर रोज़ घने होते हैं
सूनसान रस्ते के एक बोझिल मोड़ पे
कोरे और बेनाम मील के पत्थर पर सुस्ताते हुए
हम अपनी घड़ियाँ सूरज से मिलाते हैं
और लगाते हैं ख़्वाबों और साँसों का हिसाब
ज़ख़्मी पैर इनकार कर देते हैं आगे बढ़ने से
और हम लौटना चाहते हैं कहीं पीछे
छूटे हाथों के सिरे ढूढने के लिए
जो कि मुमकिन नहीं
जादू के आंसू रोते हैं कपडे भिगोते हैं
गीले कपड़ों में ठिठुरते हुए
हर लम्हा घिरते अँधेरे के बीच
बादलों की बिजली की चमक में
हारकर हम फिर आगे बढ़ते हैं
जीवन को टुकडा टुकडा करके
पीछे बहुत पीछे छोड़ देने के लिए.