मारधाड और एक्शन से भरपूर


साथियों, बहुत से देशप्रेमी मुझे दूर दूर से फोन कर के बता रहे हैं कि मुझे फेसबुक पर अपडेट करना चाहिए कि मैं अफजाल गुरू की फांसी का समर्थन करता हूँ और इससे बहुत खुश हूँ. गनीमत है कि ये लोग मुझसे पार्टी नहीं मांग रहे हैं. नहीं तो अफजाल की तेरहवीं का खर्च भी मुझे ही उठाना पड़ता. इन कथित देशप्रेमियों ने ऐसा न करने पर मेरे खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कराने की धमकी भी दी है. मुझे तो लगता है बाकी की ज़िंदगी देशद्रोही बनकर ही गुजारनी पड़ेगी.मुझे आश्चर्य है कि अब मैं फेसबुक पर क्या अपडेट करू ये भी मुझे इन लोगों से पूछना पडेगा.

ऐसी आशा तो किसी से भारत सरकार भी नहीं करती. वैसे अद्भुत देश है, पिछले कुछ दिनों में ढेर सारे देशप्रेमियों ने अपनी गालियों और धमकियों से मुझे हैरान कर दिया है. दिल्ली गैंग रेप केस के बाद भी यही ख़याल आया था और आज फिर यही सोच रहा हूँ कि क्या हम ऐसे समाज में रहते हैं. इस हिंसक समाज में लोगों का विचार और तर्क से कोई वास्ता ही नहीं है. लोग लाठियां लेकर खड़े हैं, न्याय करने के लिए. एक अफवाह के आधार पर मैं देशद्रोही हो गया और अब वो मेरा फैसला करने को भी तैयार हैं. 

अब तक मुझे लगता रहा कि सलमान रश्दी और एम एफ हुसैन की कोई गलती नहीं थी वो बस कला का सृजन कर रहे थे लेकिन आज समझ में आया कि ये सारे लेखाक, कवि और फिल्मकार मूर्ख हैं जो भारत में रहकर भी अभिव्यक्ति की आज़ादी और सच की बात करते हैं. इस देश के लोगों को कोई हक ही नहीं है कला, साहित्य और सिनेमा को स्वाद चखने का. भैंस के सामने बीन बजा रहे हैं हम सब कलाकार. बल्कि भैंस नहीं डाएनासोर के सामने. इस जनता के लिए तो राजनेता और धर्मगुरू ही ठीक हैं. जो धार्मिक द्वेष और नफरत की बात करते रहें. मार काट के लिए मौके खोजते रहें. मंदिर मस्जिद तोड़ते रहें. दंगे कराते रहें.

इस देश को विकास और तरक्की से ज्यादा हिंसा की ज़रूरत है. तभी तो कुछ दिन पहले तक यहाँ फिल्मों के पोस्टर पर भी लिखा होता था, 'मारधाड और एक्शन से भरपूर.' मारधाड और एक्शन से भरपूर इस समाज को मेरा प्रणाम है. मैं थोड़ा डरा हुआ हूँ कि मैं ऐसे समाज के बीच रह रहा हूँ. धर्म से अंधे कुछ लोग अभी कुछ दिन बाद 14 फरवरी को प्रेम करने वालों पर डंडे बजायेंगे और बताएँगे कि प्रेम करना हमारी सभ्यता के खिलाफ है. वैसे बात तो सही है, हमारी सभ्यता में प्रेम के लिए तो वाकई कोई जगह नहीं है. भारत में पैदा होकर प्रेम करोगे सालों. इस देश की परम्परा में बस नफरत है. और खबरदार किसी ने परम्परा तोड़ने की कोशिश की. 'शिव' सेना और 'बजरंग' दल के लोग तुम्हारा बैंड बजा देंगे. (11 फरवरी को फेसबुक स्टेटस अपडेट)